Wednesday, September 28, 2011

दौलत से इज्जत बड़ी, और इज्जत से आन, काहे उड़ा रहे हो मनमोहन जी तुम भारत की शान

प्रतीक शेखर, भोपल

शायद किसी ने सही ही कहा है कि सोए की बस नींद है, जागे का संसार,  अब क्या तुझको चाहिए, कर ले सोच विचार। ये तो हम सभी जानते हैं कि आप कुछ भी नही करते बस आप से करवाया जाता है, आपको कठपुतली की तरह नचाया जाता है क्योंकि इस कठपुतली की ढोर तो किसी और के हाथों में है। मगर ये बातें कुछ हजम नही होती प्रधानमंत्री जी, मुझे ऐसा नही लगता कि आप बड़े भोले और न समझ हो।


मनमोहन जी आपको शायद ये पता होना चाहिए कि कुर्सी की लालच ने आज आपको उस जन-अदालत के बीच ला खड़ा कर दिया है जहां से अब आपको बचाने कोई भी नही आ सकता। और इसके जिम्मेदार आप खुद ही है। इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है कि देश का प्रधानमंत्री ही अपने सामने 2जी स्पेक्ट्रम जैसे न जाने और कितने तरह के घोटाले करवाता है और फिर दूसरे के माथे पर वह कलंक गढ़ देता है।


वैसे मैं यह नही कहता कि ए.राजा बहुत ही ईमानदार इंशान है पर आखिरकार आपने तो उस भीे फसा ही दिया ना। वो तो बेचारा बार-बार आपका और गृहमंत्री साहेब का नाम ले ही रहा था पर उस वक्त आपलोगों ने उसे ऐसा फसाया था कि उस वक्त उनकी हालत धोबी के कुत्ते जैसी हो गई थी।

आपने तो जमकर इस कुर्सी का गलत फायदा उठाया है, अब क्या आप बता सकतें हैं कि अमेरिका से वापस आने के बाद आपकी अगली रणनीति माफ कीजिएगा आपकी नही पार्टी की अगली रणनीति क्या होगी, क्या कुछ सूचना आपके पास आयी है।

जय हिन्द जय भारत


Friday, September 23, 2011

आतंकियों से नहीं, आप से डर लगता है चिदंबरम साहब

प्रतीक शेखर, भोपाल

नक्सल समस्या से ग्रस्त 60 जिलों के जिलाधिकारियों की कार्यशाला में केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सलवाद को आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक बताया और राज्यों को नसीहत दी कि इस समस्या से वह खुद ही निपटें। चिदंबरम साहब ऐसे बयान से आप हमें क्या समझाना चाहतें हैं और आप हमें क्या बताएंगे हम कल भी इन आतंकियों और नक्सलियों से निपटे थे और आज भी निपटने की ताकत रखते है।
अरे जब आप जनता के घरों को नहीं बचा सकते तो आप गृहमंत्री के पद से इस्तीफा क्यों नही दे देते, उसी में हम सब की भलाई होगी। आप बयानबाजी करते रह जातें है और रियाज भटकल, अब्दुल सुभान कुरैशी, आमिर रजा और मोहसिन चौधरी जैसे खतरनाक आंतकी पाकिस्तान में जाकर पनाह ले लेते हैं। और जो आतंकवाद को पकड़ लिया जाता है उसे आप भारतीय कारावास में पनाह दे देते है जैसे अफजल गुरु  और अजमल कसाब।
आप नक्सलवाद की बात कर रहें हैं, अरे जो फैसला आज सरकार के तरफ से आप ले रहे हैं वही अगर आज से कुछ वर्ष पहले ले लिए होते तो शायद आज नक्सलवाद हमारे साथ होतें और आतंकियों के खिलाफ लड़तें। जरा आप बताएंगे कि इस साल जिन आतंकियों को पकड़ा गया है जैसे- आमिर अब्बास, सैयद सलाउद्दीन सालार, दानिश रियाज, इकरार शेख और मो.नियाज उनके साथ आप किस प्रकार बर्ताव करने वाले हैं। क्योंकि आजकल तो आप न्यायलय के जस्टिस को भी कहने लगे है कि लक्ष्मण रेखा से पार न जाएं।


 

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