नक्सल समस्या से ग्रस्त 60 जिलों के जिलाधिकारियों की कार्यशाला में केंद्रीय गृहमंत्री ने नक्सलवाद को आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक बताया और राज्यों को नसीहत दी कि इस समस्या से वह खुद ही निपटें। चिदंबरम साहब ऐसे बयान से आप हमें क्या समझाना चाहतें हैं और आप हमें क्या बताएंगे हम कल भी इन आतंकियों और नक्सलियों से निपटे थे और आज भी निपटने की ताकत रखते है।
अरे जब आप जनता के घरों को नहीं बचा सकते तो आप गृहमंत्री के पद से इस्तीफा क्यों नही दे देते, उसी में हम सब की भलाई होगी। आप बयानबाजी करते रह जातें है और रियाज भटकल, अब्दुल सुभान कुरैशी, आमिर रजा और मोहसिन चौधरी जैसे खतरनाक आंतकी पाकिस्तान में जाकर पनाह ले लेते हैं। और जो आतंकवाद को पकड़ लिया जाता है उसे आप भारतीय कारावास में पनाह दे देते है जैसे अफजल गुरु और अजमल कसाब।
आप नक्सलवाद की बात कर रहें हैं, अरे जो फैसला आज सरकार के तरफ से आप ले रहे हैं वही अगर आज से कुछ वर्ष पहले ले लिए होते तो शायद आज नक्सलवाद हमारे साथ होतें और आतंकियों के खिलाफ लड़तें। जरा आप बताएंगे कि इस साल जिन आतंकियों को पकड़ा गया है जैसे- आमिर अब्बास, सैयद सलाउद्दीन सालार, दानिश रियाज, इकरार शेख और मो.नियाज उनके साथ आप किस प्रकार बर्ताव करने वाले हैं। क्योंकि आजकल तो आप न्यायलय के जस्टिस को भी कहने लगे है कि लक्ष्मण रेखा से पार न जाएं।
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