हम कहते हैं भारत हमारा देश है। इसे और सजा कर कहा जाए तो हम कह सकते है कि भारत दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे प्यारा देश है। चलिए, इसे और प्रभावित तरीके से कहने की कोशिश करते हैं भारत एक कृषि प्रधान और सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। कहीं मैं गलत तो नही कह रहा, शायद हां। क्योंकि भारत की वर्तमान स्थिति कुछ और ही ब्यान करती है, आज हमारा देश भ्रष्टाचार की चपेट में आता जा रहा है, पर उंगला उठाने आगे कोई भी नही आ रहा। सारी बातें सुप्रीमकोर्ट तक आकर खत्म हो जा रही है।
है अगर दम तुझमें, तो दिखा जलवा जरा
छोड़ नफरत की तू आंधी, प्यार का तुफां
छोड़ नफरत की तू आंधी, प्यार का तुफां
भ्रष्ट लोगों को हटा दे, देश के वीर जवां
तेरे सिर पर ही है सजती, देश की किस्मत यहां
तेरे सिर पर ही है सजती, देश की किस्मत यहां
देश में करोड़ों रूपए के घोटाले तो ऐसे हो रहें हैं जैसे हमारे देश में मानो अचानक से पैसे के पेड़ उग आऐं हो। देश की जनता अपनी पेट काट-काट कर टैक्स जमा करती है और उस पैसे को कोई यूहीं लूट कर ले जाए हम कैसे देख सकते हैं। परंतु सवाल यह है कि इनके विरूद्ध कौन खड़ा हो, वो जिन्हें देश में हो रही गतिविधियों का कुछ पता नही या फिर वो जिन्हें दिनभर काम करना है और ढ़ेर सारा पैसा कमा कर रात को घर पर आकर सो जाना है। जी नही, ऐसे लोगों से तो उम्मिद भी करना बेवकूफी होगा। अगर ऐसे भ्रष्ट लोगों को वाकई में इनके अंजाम तक पहुंचाना है तो सबसे पहले हमें ही आगे आना पड़ेगा।
प्रतीक शेखर
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