तुमसे मिलने को चेहरे बनाना पड़े
क्या दिखायें जो दिल भी दिखाना पड़े,
गम के घर तक न जाने की कोशिश करो
जाने किस मोड़ पर मुसकुराना पड़े,
आग ऐसी लगाने से क्या फायदा
जिसके शोलों को खुद ही बुझाना पड़े,
कल का वादा न लो, कौन जाने की कल
किस को चाहंू, किसे भूल जाना पड़े,
खो न देना कहीं ठोकरों का हिसाब
जाने किस-किस को रास्ता बताना पड़े,
ऐसे बाजार में आये ही क्यों वसीम
अपनी बोली जहां खुद लगाना पड़े।
वसीम बरेलवी
क्या दिखायें जो दिल भी दिखाना पड़े,
गम के घर तक न जाने की कोशिश करो
जाने किस मोड़ पर मुसकुराना पड़े,
आग ऐसी लगाने से क्या फायदा
जिसके शोलों को खुद ही बुझाना पड़े,
कल का वादा न लो, कौन जाने की कल
किस को चाहंू, किसे भूल जाना पड़े,
खो न देना कहीं ठोकरों का हिसाब
जाने किस-किस को रास्ता बताना पड़े,
ऐसे बाजार में आये ही क्यों वसीम
अपनी बोली जहां खुद लगाना पड़े।
वसीम बरेलवी
No comments:
Post a Comment